याद आते हैं ना सबको, अपने पुराने वो स्कूल वाले दिन,
जब सब कुछ कितना प्यारा था, जब सब कुछ अच्छा लगता था,
जब सुबह उठने का मन नहीं करता था, लगता था कब sunday आएगा,
जब मम्मी सुबह 6 को 7 बताती थीं, पर फिर भी न उठे तो मुँह में पानी की बौछार कराती थीं,
जब स्कूल पहुँचते ही हर तरफ से, Good morning ma’am की आवाज़ें आती थीं,
Prayer की line में लगते हुए, सबसे Hi Hello हो जाती थी,
Pledge से जब brother sister वाली line गायब हो जाती थी,
P.T. करने से क्या होता है, ये बात कभी समझ न आती थी,
जब सब अपने-अपने, best friends के साथ घूमा करते थे,
अपने-अपने secret केवल उनसे ही share करते थे,
फिर अचानक किसी की नज़र, हमारी नज़रों से टकराती थी,
तब हल्की सी मुस्कान, चेहरों पर छा जाती थी,
याद है जब सब मिलकर एक दूसरे का नाम रखा करते थे,
इस बात में तो हम टीचरों को भी नहीं छोड़ते थे,
लड़के लड़कियों को हीरो के नाम, तो लड़कों के नाम हिरोइनों पर रखा करते थे,
Ma’am की मदद करने को जब सब आगे से आगे रहते थे,
लाना हो chalk या उठाना हो कॉपी, सब खुद को राजा समझते थे,
याद है जब maths के सर हमारा games period खा जाते थे,
और SUPW में क्या होता था, ये हम कभी समझ न पाते थे,
ख़त्म जब होने को हुआ स्कूल, सब slam book भरवाते थे,
न जाने अब कब मिलेंगे हम, ये सोचकर यादें जुटाते थे,
लगता था पहले ख़त्म हो जल्दी स्कूल,
न हो सुबह उठने की टेंशन, न exam की, न नंबरों की टेंशन,
अब याद आते हैं वो सुनहरे से दिन, वो प्यारे से, वो मस्ती भरे दिन,
याद आते हैं अपने सब यार, वो हँसना चिढ़ाना और उनका प्यार,
काश! फिर से लौट आएं वो दिन।