रंग

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रंग भरो जीवन में, रंग सजे हर तन में,

दुनिया रंगीली लगे, रंग बसे जब मन में,

 

भक्ति रंग मीरा का, प्रेम रंग राधा का,

बाँसुरी पे गोपियों संग, रास रंग कृष्णा का,

 

योद्धा को देशभक्ति, साधक को साधना का

अध्येता का रंग लक्ष्य, माता को ममता का,

 

प्रेमियों को मिलन का, कलाकार सृजन का,

सुंदरी को देह का, रसिया को पेय का,

 

श्वेत रंग है सिखाता, शुद्धता पवित्रता,

पीत रंग है जगाता, नित्य कर्मशीलता,

 

नील वर्ण पौरुष और, बल, बुद्धि वीरता का,

केसरी है वैरागी, मानव की धीरता का,

 

लाल रंग साहस का, हर्ष और सुहाग का,

रंग श्याम है बताता, आशय चिराग का,

 

रंगों को मत समझो, बस नयनों का ही सुख,

इनसे ही सीखें हम, जीने का नित नव गुण,

 

रंगों से खुशियाँ है, खुशियों से है जीवन,

रंगों के उत्सव  में, रम जाने दो तन मन।

 

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