रात

 

रात में कुछ तो बात है,

सब समेट लेती है ख़ुद में,

 

दिन की थकान, बहुत सा काम,

दिल परेशान, आँसू, मुस्कान,

गुस्सा, प्यार, थोड़ा सा इनकार,

झगड़ा, लड़ाई, कभी इकरार,

 

धोखा, चाहत, आत्मसम्मान,

जलन, बदला और अपमान,

अपनों का प्यार, यादों की बौछार,

मिलने की चाहत और इंतज़ार,

 

बातें सौगातें, गलतफहमियाँ,

माफ़ी, भरोसा, कुछ नादानियाँ,

अहं की बातें, झुकना-झुकाना,

मौन ख़ामोशी, कोई बहाना,

 

डर, कभी  हिम्मत, आत्मविश्वास,

आदर, निरादर, जीत कभी हार,

रात में कुछ तो बात है,

सब समेट लेती है ख़ुद में।

 

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