काजल, कंगन, बिंदिया नारी,
पायल, बाली, बिछिया नारी,
कोमल सहनशील भी नारी,
नव दुर्गा और चंडी नारी,
क्षमा, दया और ममता नारी,
व्रत, पूजन, अर्चन भी नारी,
माता, बेटी, सखी भी नारी,
प्रेयसी और पत्नी नारी,
लाज शर्म का गहना नारी,
कर्मनिष्ठ मर्दानी नारी,
सकट, तीज, चौथ भी नारी,
सोमवार सोलह भी नारी,
रंगो की बौछार है नारी,
दीपों सी उजियार है नारी,
त्योहारों की रौनक नारी,
रूप साज मनमोहक नारी,
पल-पल आगे बढ़ती नारी,
कीर्तिमान है गढ़ती नारी,
खुशियों का भंडार है नारी
सृष्टि का आधार है नारी।