छत्रपति शिवाजी महाराज

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भारत के इतिहास में चमका,

ऐसा एक सितारा था,

बुद्धिमान कुशल वो शासक,

वीर शिवाजी न्यारा था,

 

माह फरवरी सन १६३०,

धन्य हुआ मराठा समाज,

शाह जी और जीजाबाई के,

घर में जन्मे शिवा महाराज,

 

प्रेरक माँ जीजाबाई ने,

राष्ट्रप्रेम का भाव जगाया,

माता के आदर्शों ने ही,

वीर शिवा को मार्ग दिखाया,

 

कौशल सीखे बचपन से ही,

वीरों की गाथाएं सुनकर,

न्यायपूर्ण शासन से जीती,

आशा जो थी सबके अंदर,

 

अपने साहस बल-बुद्धि से,

औरंगज़ेब को धूल चटाई,

शुरू किया साम्राज्य मराठा,

देशभक्ति की अलख जगाई,

 

सेना को अनुशासित करके,

शासन की समृद्धि कराई,

रायगढ़ की भरी सभा में,

उपाधि छत्रपति की पाई,

 

वीर शिवा ने समर विद्या में,

किए अनेकों नवाचार,

छापामार गोरिल्ला नीति से,

सेना को दी नई रफ़्तार, 

 

मुगलों से संग्राम किया और,

बंद किए सब अत्याचार,

राष्ट्रहित के लिए शिवा ने,

कभी न मानी किसी से हार,

 

ऐसे वीर सपूत ने रखी,

भारत माता तेरी लाज,

करते तुमको कोटिक वंदन,

नमन तुम्हें करते हम आज।

 

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