बच्चों जानो आज ये बात,
क्यों आज का दिन है खास,
वर्ष में जब 5 जून आये,
हम पर्यावरण दिवस मनाएं,
‘परि’ का मतलब चारों ओर,
‘आवरण’ माने घिरा हुआ,
चारों ओर से घिरा है जो,
वही तो पर्यावरण हुआ,
जैसे नदियाँ और पहाड़,
मिट्टी, पानी और पवन,
जीव जंतु पेड़ों की बहार,
दूर तलक फैले ये वन,
ये सारे इसके हैं घटक,
निर्भर इन पर हैं हम सब,
रखना होगा इन्हें सुरक्षित,
आज नहीं तो फिर अब कब?
पेड़ हमारे जीवन दाता,
होते हैं ये गुणों की खान,
पेड़ों को न काटेंगे हम,
आज बात ये मन में ठान,
जल ही तो जीवन है भैया,
बिन मतलब न बहाओ तुम,
जितने की हो तुम्हें जरूरत,
उतना काम में लाओ तुम,
पृथ्वी को सुंदर हैं बनाते,
पशु-पक्षी ये प्यारे-प्यारे,
अपनी सुख-सुविधा के कारण,
इन मासूमों को क्यों मारें,
साफ सफाई और हरियाली,
करो निरंतर इनकी खोज,
एक ही दिन न हो ये ख़याल,
पर्यावरण बचाएं रोज़।