चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा का,
पुण्य दिवस यह आया है,
सृष्टि-सृजन की याद दिलाने,
नवसंवत्सर आया है,
यह दिवस संकल्प है लाता,
ऋषियों की साधना सुनाता,
नया वर्ष भारत का है ये,
अपनी संस्कृतियों से मिलाता,
शिव सत्ता का बोध कराता,
शक्ति रूप का पर्व है लाता,
आध्यात्मिक ऊर्जा को जगाकर,
जीवन आल्हादित कर जाता,
पुष्प लदे उपवन फिर महके,
डाल-डाल पर पक्षी चहके,
फसलें लहरायीं खेतों में,
सूरज की लालिमा लपेटे,
मानवता की राह दिखाने,
नव संकल्प सजाया है,
सृष्टि सृजन की याद दिलाने,
नवसंवत्सर आया है।