कैसे बातें बना लेते हैं लोग,
बिन बात के भी खुशी दिखा लेते हैं लोग,
दिल में कुछ और बाहर कुछ,
ऐसे ही रिश्ते निभा लेते हैं लोग,
मन मे अंधेरा,
फिर भी दीवाली मना लेते हैं लोग,
तुमसा कोई नहीं कहकर दिल जीतना,
सभी से ऐसे ही बातें बना लेते हैं लोग,
मेरे साथ मेरे, तुम्हारे साथ तुम्हारे,
पर मुझसे तुम्हारे और तुमसे मेरे राज़,
हँस-हँस के बता लेते हैं लोग,
कैसे बातें बना लेते हैं लोग,
बिन बात के भी खुशी दिखा लेते हैं लोग।