मिशन शक्ति गीत

यह रचना आप इन सोशल प्लेटफार्म पर भी देख सकते हैं

 

अब न गुमसुम रहेगी नारी,

अब न होगी वो लाचारी,

सच की साथी तू बन जा अब,

छोड़ के जग की चिंता सारी,

 

गलत सहन न अब तू करना,

अत्याचारी या व्यभिचारी,

‘शासन’ तेरे संग सदा है,

बेड़ी पहनेगा अनाचारी,

 

अन्याय को नहीं तू सहना,

मौन नहीं,अब खुल के कहना,

लाज का पर्दा हुआ पुराना,

शक्ति रूप है तेरा गहना,

 

नई सदी है नया वक़्त है,

रूढ़िवादिता हुई पुरानी,

ख़त्म हुआ अब वक़्त शोक का,

नारी खुशियों की अधिकारी,

 

हो महिला या हो सुकुवारी,

कोई नहीं अब दुःख की मारी,

“मिशन शक्ति” ने हर महिला की,

ली है पूरी जिम्मेदारी।

 

साझा करें:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *