युग-युग करेंगे तेरी भक्ति और करेंगे आरती,
माँ भारती, माँ भारती, माँ भारती, माँ भारती।
सिर पे हिमालय ताज तेरा, सूर्य करता है नमन,
फैली है हरियाली जहाँ, इठला के चलती है पवन,
चरणों को तेरे पुण्य नदियाँ, रात दिन हैं पखारती,
माँ भारती, माँ भारती, माँ भारती, माँ भारती,
है राम की धरती यही, लीलास्थली है कृष्ण की,
नानक की है वाणी यहाँ, शिक्षा महात्मा बुद्ध की,
सदियों से तेरी ज्ञान धारा, विश्व को है संवारती,
माँ भारती, माँ भारती, माँ भारती, माँ भारती,
हम तोड़ कर तारे सभी, माँ तेरी माँग सजाएंगे,
शत्रु अगर जो आयेगा, कदमों में तेरे झुकाएंगे,
करने को रक्षा देश की, अब मातृभूमि पुकारती,
माँ भारती, माँ भारती, माँ भारती, माँ भारती।