ख वर्ण की कविता By खुशबू गुप्तापद्य, शैक्षणिक यह रचना आप इन सोशल प्लेटफार्म पर भी देख सकते हैं Facebook Twitter Youtube Instagram ख से खटिया, ख से खत, हंसना खुल के रोना मत, खराब खाने को मत खाओ, खेल खिलौने खूब सजाओ, खिचड़ी खीर है सबको भाती, खीरा ककड़ी का है साथी, ख से खोया, ख से खस्ता, रोज लगाओ अपना बस्ता, पढ़ो लिखो खुलकर तुम चहको, खुशबू की तरह ही महको। साझा करें: