हे परमेश्वर

poem on corona

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हे परमेश्वर सुनो पुकार,

भक्त खड़े हैं तेरे द्वार,

दया करो हे दयानिधि अब,

बच्चों पर करना उपकार,


बड़ी ही विपदा आन पड़ी है,

जीवन नैया डूब रही है,

काल खड़ा है खोले द्वार,

दुःख का नहीं है पारावार,


बच्चे रोयें बूढ़े रोयें,

रोयें भैया और बहनें,

तात भी रोयें मात भी रोयें,

घर की नींव लगी ढहने,


काल मचाये तांडव आज,

मृत्यु करती है व्यापार,

नेत्र खोलो हे पालनहार,

कष्टों का करो संहार।


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