कोरोना की सीख

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इन दिनों ने हमे कुछ 

ऐसा भी सिखाया है,

बंदिशों का स्वाद भी 

हमको चखाया है…

 

भरा हुआ तो बहुत जिया 

आधे में भी मज़ा है,

पूर्णता की आदत पड़ी 

अधूरा भी एक कला है…

 

साजो सामान के बिना भी 

भोजन तो कर के देखो,

सादे खाने के गुणों को 

ऊपर तो रख के देखो…

 

रखने को तन को निरोगी 

कुछ समय निकालो प्यारे,

तन चंगा तो मन चंगा 

होंगे फिर वारे न्यारे…

 

पुरानी किताबों के पन्नों से 

परतों की धूल हटा दो,

अटेची में रखी एल्बम को 

एक बार फिर दिखला दो…

 

अपनों संग समय बिताओ 

इच्छा कर लो सब पूरी,

मोबाइल फ़ोन टी.वी. से 

बना लो थोड़ी दूरी…

 

बच्चे रौनक हैं घर की

संग उनके खेलो कूदो,

रसोई में उलझी-सी 

गृहणी को भी राहत दो…

 

घर अपना सबसे सुंदर

मत सोचो इसको बंधन,

हम होंगे सभी सुरक्षित 

जब होंगे घर के अंदर।

 

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