बसंत गीत

Basant Geet - poem on Basant Panchami in Hindi

 

डाल-डाल पर कलियाँ महकीं,

कोयल प्यारी देखो चहकी,

सोने जैसी सरसों छाई,

मनभावन बसंत है आई,

 

गेंहू जौ फिर से लहराई,

बौर आम की झर-झर छाई,

तितली रानी पंख फैलाए,

फूलों पे भवरे मंडराए,

 

प्रकृति का कण-कण मुसकाया,

नई चेतना मन में लाया,

वाणी की देवी माता को,

प्रेम भाव से शीश नवाया,

 

शिशिर मास प्रस्थान है करता,

विहग-वृंद नभ में है विचरता,

रंग बिरंगे फूल खिले और,

होरी-फाग से मन है महकता,

 

ऋतुराज का स्वागत करने,

हर प्राणी ने बाँह फैलाई,

नव ऊर्जा जीवन में भरने,

मनभावन बसंत है आई।

 

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